राजस्थान के जैसलमेर की थार मरुभूमि की पृष्ठभूमि पर गढ़ी गई फिल्म की कहानी लोककथा से प्रेरित है
यह कहानी बिच्छू के जहर के प्रभाव को कम करने वाले गाने को लेकर है
एक प्राचीन मिथक के अनुसार बिच्छू का डंक चौबीस घंटे से भी कम समय में इंसान की मृत्यु का कारण बन सकता है।
इससे बच्ने का एक ही उपाय है उसका इलाज करने वाला खास गाना गाए जो बिच्छू के जहर के प्रभाव को कम करता है।
यह गाना सिर्फ नूरन (गोलशिफतेह फरहानी) को आता है
नूरन ने बिच्छू के डंक से निपटने का यह कौशल आदिवासी समुदाय की ने अपनी अम्मा (वहीदा रहमान) से सीखा है
ऊंट व्यापारी आदम (इरफान खान) उससे निकाह करना चाहता है
फिर एक वीभत्स घटना की वजह से नूरन अपने गाने से दूर हो जाती है और गांव के लोग उसे ठुकरा देते है
उसके बाद नूरन आदम से शादी करती है
शादी करने के बाद नूरन को अपने साथ हुई घटना का सच पता चलता है