Rajasthan में 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलने शुरू, ऐसे जुड़वाएं योजना में अपना नाम

Anil Biret
4 Min Read

SSO Rajasthan, Gas Cylinder in Rajasthan: राजस्थान में 500 रुपये के रसोई गैस सिलेंडर का लाभ उन पात्र कनेक्शन धारकों को मिलेगा जो सरकार के राहत शिविर में आएंगे। ये शिविर 24 अप्रैल से गांवों और शहरों में ‘प्रशासन नगर संग अभियान’ और ‘प्रशासन ग्राम संग अभियान’ के तहत लगाए जाएंगे.

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा आज जारी दिशा-निर्देश के अनुसार पात्र कनेक्शन धारकों (बीपीएल एवं पीएम उज्ज्वला योजना) को योजना का लाभ लेने के लिए शिविर में आकर पंजीयन कराना होगा. पंजीयन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पोर्टल पर होगा। सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर नकद सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।

फोटो 4 माह पूर्व अलवर के मालाखेड़ा में हुई भारत जोड़ो यात्रा सभा की है। इस बैठक में सीएम ने 500 रुपये में सिलेंडर देने का ऐलान किया था. (फ़ाइल)
फोटो 4 माह पूर्व अलवर के मालाखेड़ा में हुई भारत जोड़ो यात्रा सभा की है। इस बैठक में सीएम ने 500 रुपये में सिलेंडर देने का ऐलान किया था. (फ़ाइल)

ये दस्तावेज लाना जरूरी

इन शिविरों में गैस कनेक्शन डायरी अथवा पूर्व में जारी रसीद की प्रति के अतिरिक्त जनाधार कार्ड लाना आवश्यक होगा। इन दस्तावेजों के माध्यम से शिविर में पोर्टल पर समस्त डाटा की प्रविष्टि कर उसका पंजीयन किया जायेगा। शिविरों में ही पंजीकरण की प्रक्रिया की जाएगी और पहले चरण में ये शिविर 24 अप्रैल से 30 जून तक लगेंगे।

73 लाख से ज्यादा परिवार

राजस्थान में तीन गैस कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल) के पास एक करोड़ 75 लाख 48 हजार से ज्यादा कनेक्शन हैं। इनमें से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 69 लाख 20 हजार से अधिक कनेक्शन हैं। इसके अलावा 3 लाख 80 हजार बीपीएल परिवार ऐसे हैं जिनके पास गैस कनेक्शन हैं।

2020 में केंद्र ने सब्सिडी बंद कर दी

केंद्र सरकार ने अप्रैल 2020 से गैस पर सब्सिडी बंद कर दी थी। पहले सब्सिडी गैस सिलेंडर के साथ ही आती थी। यानी सिलेंडर के रेट कम थे। बाद में, सब्सिडी को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना के माध्यम से बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके लिए भी उपभोक्ताओं को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। उपभोक्ताओं को बैंक खाता और आधार नंबर का ब्योरा गैस एजेंसियों को सिर्फ एक बार देना होता था।

सरकार को कितना पैसा देना है, इसे ऐसे समझें

बीपीएल श्रेणी के 6 लाख उपभोक्ताओं को इस समय 1050 रुपए में सिलेंडर मिल रहा है। इसके बाद 500 रुपए मिलने पर शेष 550 रुपए राज्य सरकार को देना होगा। इससे राज्य सरकार पर सालाना करीब 396 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसी तरह उज्ज्वला के 69 लाख उपभोक्ताओं को अभी सब्सिडी के बाद 850 रुपये में सिलेंडर मिल रहा है. ऐसे में जब उन्हें 500 रुपए मिलेंगे तो बाकी के 350 रुपए राज्य सरकार को देने होंगे। इससे राज्य सरकार पर सालाना करीब 2898 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

जब राजस्थान सरकार कुल 75 लाख उज्ज्वला और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर सिलेंडर देगी, तो इससे सरकार पर सालाना 3294 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

Share this Article
Leave a comment