राजस्थान paper Leak Case में आई बड़ी अपडेट, 60 लाख में हुआ पेपर का सौदा

Kumar Sandeep
Kumar Sandeep  - Editor
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SSO Rajasthan, 2nd Grade Teacher paper Leak Case: राजस्थान द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक (Rajasthan 2nd Grade Teacher paper Leak Case) मामले में एसओजी ने बड़ा खुलासा किया है। परीक्षा कराने वाले राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर के सदस्य आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा (RPSC Member Babulal Katara) ने परीक्षा का पेपर माफिया को 60 लाख रुपये में बेचा था. आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा ने यह पेपर अपने घर पर माफिया को बेच दिया। इसके एवज में पूर्व में पकड़े गए शेर सिंह मीणा से दो किश्तों में 60 लाख रुपए वसूले गए। इसके बाद उन्होंने इस पेपर को और बेच दिया।

इन सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद एसओजी ने आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, उनके भतीजे विजय कटारा और चालक गोपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों को मंगलवार को हिरासत में लिया गया था। उसके बाद बुधवार को उसे कोर्ट में पेश कर 23 अप्रैल तक रिमांड पर लिया। एसओजी अब उससे और गहनता से पूछताछ करेगी। उधर, आरोपी शेरसिंह मीणा को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद जेल भेज दिया गया है। पेपर लीक मामले में आरपीएससी का कोई अन्य कर्मचारी शामिल है या नहीं, इसकी भी जांच की जाएगी।

कटारा ने परीक्षा से 2-3 हफ्ते पहले किया था paper Leak Case

एसओजी के एडीजी अशोक राठौर ने बुधवार को जयपुर में प्रेस वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया। राठौर ने बताया कि शेर सिंह के पेपर मिलने के बाद उसे भूपेंद्र और सुरेश ढाका को पेपर बेचकर 80 लाख रुपये लेने थे. उसके बाद प्रति अभ्यर्थी 5-5 लाख रुपये के हिसाब से पेपर बेचा जाना था। बाबूलाल कटारा ने परीक्षा से 2-3 हफ्ते पहले शेर सिंह मीणा को 60 लाख रुपए में पेपर बेचा था।

गोपाल सिंह के जरिए कटारा की मुलाकात शेर सिंह से हुई

जांच में पता चला कि शेर सिंह मीणा की पहचान आरपीएससी के चालक गोपाल सिंह के जरिए आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से हुई थी। इस मामले में जब पुलिस ने शेर सिंह मीणा से पूछताछ की तो उसने आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा का राज खोल दिया. शेर सिंह से पुष्टि मिलने के बाद एसओजी ने बाबूलाल कटारा, उनके भतीजे विजय कटारा और गोपाल सिंह पर शिकंजा कस दिया.

बाबूलाल को पेपर सेट करने की जिम्मेदारी दी गई थी

एडीजी राठौड़ ने बताया कि पेपर सेट करने की जिम्मेदारी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल को दी गई थी। छापाखाने में भेजने से पहले बाबूलाल कटारा ने उसकी एक प्रति अपने पास रख ली। बाद में उसने इसे अजमेर स्थित उसके घर पर पेपर माफिया शेर सिंह को सौंप दिया। यह काम दिसंबर में ही किया गया था। हालांकि तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 23 अप्रैल तक रिमांड पर लिया है। एसओजी पूरी गहराई से इसकी जांच कर रही है।

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मेरा नाम संदीप कुमार है. मैं हरियाणा का निवासी हूं. मैंने स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर ली है. वर्तमान में मै SSORajasthan.in पर बतौर लेखक के रूप में कार्य कर रहा हूं. मै सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीम, एजुकेशन और लाइफ स्टाइल से जुड़े विभिन्न कंटेंट जितनी जल्द हो सके पाठको तक पहुंचाने की कोशिश करता हूँ.
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