शिक्षक भर्ती को लेकर धरने पर बैठी महिला, अभ्यर्थियों की भूख हड़ताल का दूसरा दिन, सरकार को दी चेतावनी

Jiya Verma
Jiya Verma  - Editor
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शिक्षक भर्ती : भोपाल में शिक्षक भर्ती को लेकर धरने पर बैठी महिला अभ्यर्थियों ने अब भूख हड़ताल शुरु कर दी है। ये 8 मई से लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर धरने पर बैठी हैं। इन्होने कहा है कि अब ये शासन प्रशासन से आर पार की लड़ाई लड़ेंगीं और चाहे जो हो जाएं, पीछे नहीं हटेंगीं। 2018 की अधूरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग को लेकर अब ये भूख हड़ताल पर चली गई हैं। कुछ दिन पहले इन्होने पाॅलीटेक्निक चौराहे से वल्लभ भवन होते हुए एक रैली भी निकाली थी और लोक शिक्षण संचालनालय का घेराव किया था।

2018 शिक्षक भर्ती चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति न मिलने के बाद अब कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। शिक्षक भर्ती 2018 प्रथम चरण में शेष रह गए पदों की वृद्धि तृतीय काउंसलिंग के साथ पूर्ण कराने की मांग को लेकर इनकी भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। इनका कहा है

कि समस्त पात्र अभ्यर्थियों की मांग पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधान सभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया, कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष व राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त रमेश चंद्र शर्मा, वरिष्ठ विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया, विश्वजीत सिंह सिसौदिया, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह, डॉ राघवेंद्र शर्मा प्रदेश कार्यालय मंत्री बीज भारतीय जनता पार्टी, दिनेश राय मुनमुन विधायक सिवनी, आशीष गोविंद शर्मा विधायक खातेगांव, गोपीलाल जाटव विधायक गुना आदि कई बार नोटशीट जारी कर चुके हैं। बावजूद इसके आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

इनकी प्रमुख मांगें

1. 2018 शिक्षक भर्ती उच्च माध्यमिक और माध्यमिक के विषय मातृभाषा हिंदी और जननी भाषा संस्कृत में 500-500 पदों की वृद्धि कर नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।

2. उच्च माध्यमिक शिक्षक 2018 के प्रथम काउंसलिंग ईडब्ल्यूएस वर्ग के 1039 पदों पर नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।

3. वर्ग 1 और 2 के गणित विषय के साथ अन्य विषयों की अतिरिक्त सूची क्लियर करते हुए उच्च माध्यमिक और माध्यमिक के सभी विषयों में पद वृद्धि कर तृतीय राउंड काउंसलिंग की जाए।

इनकी भूख हड़ताल के पहले दिन शासन प्रशासन की तरफ से कोई जिम्मेदार नहीं आया। किसी ने भी इन महिलाओं की सुध नहीं ली। इनका कहना है कि जब तक इनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी ये भूख हड़ताल पर बैठी रहेंगी।

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