मुख्यमंत्री ने नहीं की किसानों से बात, रोका जाये गा दिल्ली का पानी, किसान आंदोलन

Jiya Verma
Jiya Verma  - Editor
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किसान आंदोलन:- हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़वाने के लिए शुरू हुआ आन्दोलन अब बड़ा रूप ले सकता है। करीब छह महीने से केएमपी के मांडौठी टोल प्लाजा पर किसान धरना दे रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल से किसान नेता रमेश दलाल की वार्ता भी विफल हो चुकी है।

भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिती के अध्यक्ष और राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने अब सरकार को हराने के लिए अन्न त्याग सत्याग्रह शुरू कर दिया है। अन्न त्याग सत्याग्रह सरकार के खिलाफ नही बल्कि अपने ही भाईचारे को जगाने के लिए किया जा रहा है। रमेश दलाल का कहना है कि सरकार ने किसानों का डरा रखा है। अन्न त्याग सत्याग्रह से वो अपने भाईचारे का डर निकालकर उन्हे अपने साथ खड़ा करेंगे और फिर रेल, सड़क और दिल्ली का पानी रोककर सरकार से किसानों की जमीन को बचाने का काम भी पूरा होगा।किसान नेता रमेश दलाल की अगुवाई में ही किसानों का ये आन्दोलन चल रहा है। आन्दोलन के कारण सरकार को हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा भी बढ़ाना पड़ा है। लेकिन अब सरकार उस बढ़े हुए मुआवजे को आर्बिटेशन के जरिए देना चाहती है जबकि किसान अवार्ड में संशोधन के जरिए मुआवजा लेना चाहते हैं। किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि आर्बिटेशन में किसान का कोर्ट में जाने का हक छीन लिया जाएगा जबकि अवार्ड में संशोधन होने के बाद किसान कोर्ट में अपने हक के लिए आवाज उठा सकेगा।करीब 6महीने से चल रहे आन्दोलन के कारण किसानों की कम होती संख्या के कारण आसौदा की किसान पंचायत में रमेश दलाल की आंखो से आंसू भी छलके हैं। रमेश दलाल ने कहा कि सरकार उन्हे डराने और दबाने का प्रयास कर रही है। उनकी बेटी को भी 6महीने से तनख्वाह तक नही दी गई। ऐसे में उन्हे अपने भाईचारे और किसानों का मजबूत साथ चाहिए। इसीलिए भाईचारे को जगाने केलिए अन्न त्याग सत्याग्रह शुरू किया है। उन्होंने बताया कि जमीन अधिग्रहण से जुड़े मामले, अवार्ड संशोधन और समगौत्र विवाह निषेध कानून की मांग पर सरकार से कोई समझौता नही होगा बाकि मांगों पर बीच का रास्ता निकल भी सकता है। रमेश दलाल ने सरकार को 25सूत्रीय मांगो का ज्ञापन दे रखा है।रमेश दलाल की अगुवाई में किसान 14 जून को नेशनल हाईवे भी जाम कर चुके हैं। अब अन्नत्याग सत्याग्रह के जरिए किसानों और ग्रामीणों को इकठ्ठा करने की मुहिम चलाई है। इसके लिए रोहतक, झज्जर और सोनीपत के गांवों को साथ लिया जाएगा। जब किसानों की संख्या आन्दोलन में बढ़ जाएगी तो फिर तिरंगा हाथों में लेकर किसान रेल, सड़क पर बैठ जाएंगे और दिल्ली का पानी भी बंद कर देंगे। यही एलान किसान पंचायत में हुआ है।

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मेरा नाम जिया है. मैं हरियाणा की निवासी हूं. मैंने स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर ली है. वर्तमान में मै SSORajasthan.in पर बतौर लेखक के रूप में कार्य कर रही हूं. मै सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीम, एजुकेशन और लाइफ स्टाइल से जुड़े विभिन्न कंटेंट जितनी जल्द हो सके पाठको तक पहुंचाने की कोशिश करता हूँ. jiya@ssorajasthan.com
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