Aman Sehrawat: 10 साल की उम्र में उठ गया माता-पिता का साया, नहीं हारी हिम्मत, हरियाणा के अमन ने एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में अपने नाम किया स्वर्ण

Anil Biret
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SSO Rajasthan, Aman Sehrawat: पहलवानों की धरती झज्जर के लाल अमन सहरावत ने देश का नाम और गौरव बढ़ाने का काम किया है। अमन सहरावत ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया है। 19 वर्षीय अमन ने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती चैंपियनशिप में किर्गिस्तान के पहलवान को 9-4 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।

अमन सहरावत देश के इकलौते पहलवान हैं जिन्होंने अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल भी जीता है। अमन झज्जर के बिरोहड़ गांव का रहने वाला है। अमन की छोटी बहन और ताऊ को इस उपलब्धि पर काफी गर्व है। उनका कहना है कि उनका बेटा ओलिंपिक में देश को गोल्ड मेडल दिलाएगा।जब वह 10 साल के थे तब उनके माता-पिता का देहांत हो गया था।

अमन सहरावत जब 10 साल के थे तब उनके माता-पिता का निधन हो गया था। घर में एक छोटी बहन थी जिसे ताऊ ने संभाला। यह उनके माता-पिता ही थे जिन्होंने उन्हें कुश्ती सीखने के लिए दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम भेजा था। लेकिन 1 साल के अंदर ही अमन के सिर से मां-बाप का साया हट गया.

बेहद विपरीत परिस्थितियों में भी अमन ने हिम्मत नहीं हारी और देश के लिए पदकों की झड़ी लगा दी। अब तक अमन ने जिस भी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है, उसमें मेडल जरूर जीता है। इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले अमन के गांव में आज भी सुविधाओं का अभाव है।

अमन को मैंगो शेक भी बहुत पसंद है

अमन से पहले झज्जर जिले के खुड्डन गांव के पहलवान बजरंग पुनिया ने ओलंपिक में पदक जीता था। झज्जर जिले के छारा गांव के पहलवान दीपक पुनिया दुनिया के नंबर एक पहलवान रह चुके हैं। दूध दही और चूरमा खाने का शौक झज्जर के पहलवानों का होता है। घर पर छोटी बहन अमन के आने का इंतजार कर रही है। उनका कहना है कि जब भाई घर पहुंचेंगे तो चूरमा से उनका स्वागत किया जाएगा। बहन पूजा ने बताया कि अमन को मैंगो शेक भी बहुत पसंद है।

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