भारत के इस Railway Station पर 42 सालों तक नहीं रुकी कोई भी ट्रेन, वजह जानकर उड़ जाएगी आपकी नींद

Haunted Railway Station: दुनिया में ऐसे कई अजीबो-गरीब रहस्य हैं, जिनसे आज तक पर्दा नहीं उठा है। इन्हीं रहस्यों (Mystery) में से एक है भूतों या आत्माओं का अस्तित्व। कुछ लोग भूतों पर विश्वास नहीं करते हैं। कुछ लोग दावा करते हैं कि दुनिया में सच में भूत और आत्माएं होती हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों का यह भी दावा है कि दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं जहां भूत रहते हैं और लोग वहां जाने से डरते हैं।

दुनिया ही नहीं भारत (India) में भी कई ऐसी जगहें हैं जिन्हें भूतिया घोषित किया जा चुका है। आज हम आपको भारत के एक ऐसे भूतिया रेलवे स्टेशन (Haunted Railway Station) के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां न सिर्फ लोग बल्कि प्रशासन (Railway Administration) भी वहां जाने से डरने लगा था, जिसके चलते सालों तक इस रेलवे स्टेशन पर ट्रेनें भी नहीं रुकती थीं। आइए जानते हैं इस भूतिया रेलवे स्टेशन के बारे में…

यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पुरुलिया जिले में है, जिसका नाम बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन (Beguncodor Railway Station) है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले (Purulia District) में स्थित इस रेलवे स्टेशन का नाम भारत के ’10 भूतिया स्टेशनों’ की सूची में शामिल है। यह रेलवे स्टेशन वर्ष 1960 में खोला गया था। स्टेशन खुलने के बाद कुछ सालों तक तो सब ठीक रहा, लेकिन बाद में यहां अजीबोगरीब घटनाएं होने लगीं। साल 1967 में बेगुनकोडोर के एक रेलवे कर्मचारी ने स्टेशन पर एक महिला का भूत देखने का दावा किया था।

कहा जाता है कि इस जगह को 1967 में प्रेतवाधित स्टेशनों की सूची में शामिल किया गया था, जब एक ‘सफेद साड़ी में महिला’ को देखकर स्टेशन मास्टर की मृत्यु हो गई थी। यह भी अफवाह थी कि महिला की उसी स्टेशन पर ट्रेन दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। अगले दिन रेलवे कर्मचारी ने लोगों को इस बारे में बताया, लेकिन उन्होंने उसकी बातों को अनसुना कर दिया।

स्टेशन मास्टर (Station Master) और उनके परिवार को बाद में रेलवे क्वार्टर में मृत पाया गया। यहां रहने वाले लोग दावा करने लगे कि इन मौतों के पीछे वही भूत है। लोगों का कहना था कि सूर्यास्त के बाद यहां से जब कोई ट्रेन गुजरती है तो ट्रेन के साथ-साथ उस महिला का भूत दौड़ता था। इतना ही नहीं कभी-कभी महिला का भूत ट्रेन से भी तेज दौड़ता था। वहीं, ट्रेन के आगे पटरियों पर भूतों को नाचते देखे जाने का दावा किया गया था।

गजब का दिमाग, बिजली न होने से सभी के फोन बंद, शख्स ने ट्रेक्टर से जुगाड़ कर पूरे गांव के फोन किए चार्ज

इन भयानक घटनाओं के बाद लोगों को यहां आने-जाने से डर लगने लगा है। डर के मारे कोई भी यात्री यहां उतरना नहीं चाहता था और कोई भी इस स्टेशन पर सिर्फ ट्रेन में चढ़ने के लिए नहीं आया था। इसके बाद पूरा स्टेशन वीरान हो गया। यहां तक ​​कि कोई रेल कर्मचारी इस स्टेशन पर आना भी नहीं चाहता था।

इसके बाद बेगुनकोडोर को भूतिया रेलवे स्टेशन माना जाने लगा। लोग स्टेशन आने से इतने डर गए कि 42 साल तक स्टेशन बंद रहा। करीब 42 साल तक यहां एक भी ट्रेन नहीं रुकी।

जब भी कोई ट्रेन इस स्टेशन से गुजरती थी, उसकी गति बढ़ा दी जाती थी। 2009 में, जब ममता बनर्जी रेल मंत्री बनीं, तो उन्होंने इस स्टेशन को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया। लेकिन शाम 5 बजे के बाद इस स्टेशन पर न तो कोई यात्री रुका और न ही रेलवे का कोई कर्मचारी।