Delhi Metro Kissing Viral News: दिल्ली मेट्रो एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला Kissing का है। दरअसल, एक यंग कपल दिल्ली मेट्रो के कोच में फर्श पर बैठकर यात्रा कर रहा था। वायरल क्लिप में देखा जा सकता है कि युवती लड़के की गोद में लेटी है और युवक उसको किस कर रहा है। इंटरनेट की जनता को इस कपल हरकत ठीक नहीं लगी, जिसके चलते वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।
बहुत से यूजर्स कपल के लिए भला-बुरा बोल रहे हैं, वहीं कुछ तो मजाकिया कमेंट कर रहे हैं। जैसे कुछ यूजर्स ने लिखा कि लड़का लड़की को सीपीआर दे रहा है। जबकि कईयों ने इसे अशलील बताया। कुछ यूजर्स ने कहा कि आजका युवा कहां फंस गया है। कैसे करियर बनाएगा। वहीं कुछ लोगों ने ट्वीट कर ‘दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन’ (DMRC) से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाने की गुजारिश की है।
यह वीडियो सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। Twitter पर @SonOfChoudhary नाम के यूजर ने 9 मई को यह 30 सेकंड का क्लिप शेयर किया और लिखा – दिल्ली मेट्रो का नाम बदलकर पोर्नहब क्यों नहीं रख देते? खबर लिखे जाने तक इस क्लिप को 5500 से ज्यादा लाइक्स और 1 लाख 75 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं।
हम वायरल क्लिप में देख सकते हैं कि मेट्रो रेल के फर्श पर एक लड़का बैठा है और कथित गर्लफ्रेंड उसकी गोद में लेटी हुई है। दोनों बिना किसी झिझक और संकोच के एक दूसरे को लिपलॉक कर रहे हैं। लगता है कि यह वीडियो सामने की तरफ सीट पर बैठे किसी यात्री ने रिकॉर्ड किया होगा।
इस घटना के खबरों में आने के बाद तमाम लोगों ने डीएमआरसी की आलोचना की। एक यूजर ने तो DCP दिल्ली मेट्रो को टैग करते हुए ट्वीट किया- क्या आप जाग रहे हैं? वहीं कुछ यूजर्स ने दावा किया कि उन्हें लड़की नशे में लग रही है। एक शख्स ने लिखा कि क्या हो गया है युवाओं को? अन्य ने मजाकिया कमेंट किया कि सीपीआर दे रहा है लड़की को। बता दें, DMRC (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) ने एक बयान में कहा है कि दिल्ली मेट्रो यात्रियों से सफर के दौरान जिम्मेदारी से व्यवहार करने और समाज में स्वीकार्य शिष्टाचार और प्रोटोकॉल का पालन करने की अपेक्षा करता है।
यात्रियों को किसी भी अश्लील गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे लोगों को असुविधा हो या अन्य साथी यात्रियों की संवेदनाओं आहत हों। डीएमआरसी के संचालन और रखरखाव अधिनियम की धारा 59 अभद्रता को दंडनीय अपराध के रूप में सूचीबद्ध करता है।