पेट्रोल भरते समय पेट्रोल पंप वाले अब इस New तरीके से आपके साथ करते है ठगी, केवल 0 देखने से नहीं चलता पता

Divya Verma
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पेट्रोल

अपनी कार या बाइक की पेट्रोल भरवाने से पहले हम सभी लोग मशीन पर जीरो चेक करना नहीं भूलते। लेकिन क्या इतना ही काफी है इसका जवाब ना में है। पेट्रोल पंप पर आपके साथ केवल फ्यूल की क्वांटिटी के साथ लेकर धोखा नहीं होता बल्कि इसकी डेंसिटी को लेकर भी बड़ा खेल खेला जाता है।

फ्यूल डेसिंटी सीधे तौर पर पेट्रोल डीजल की प्योरिटी से जुड़ी होती है। यह जानना जरूरी है कि डेसिंटी आखिर कितनी होती तो हम आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं। जिससे आपके साथ आगे धोखा ना हो सके।

शायद पेट्रोल पंप पर चोरी के मामले में कई बार इस कई बार सुना होगा

आप शायद पेट्रोल पंप पर चोरी के मामले में कई बार इस कई बार सुना होगा आपको जानने वाले कभी ना कभी ठगी का इस तरह की चोरी का शिकार जरूर हुए होंगे आपको यह समझना होगा कि पेट्रोल पंप पर भला कैसे ठगी की जा सकती हम आपको बताते हैं कि कुछ पेट्रोल पंपों पर कर्मचारी बहुत चालाक तरीके से आप को ठग सकते हैं और वह भी इतनी सफाई से कि आपको इसका शक तक नहीं होता। जीरो देखकर आप भले पूरी मात्रा में पेट्रोल ले रहे है लेकिन फिर भी आपके साथ ही हो सकती है।

पेट्रोल के लिए डेंसिटी रेंज 730-770 kg/m3 होती है

असली ठगी पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी यानी घनत्व के मामले में हो सकती है। डेंसिटी मशीन की डिस्प्ले में अमाउंट और वॉल्यूम के बाद तीसरे नंबर पर दिखाई देते हैं पेट्रोल के लिए डेंसिटी रेंज 730-770 kg/m3 होती है जबकि डीजल की डेंसिटी रेंज 820-860 kg/m3 होती है और फीलिंग के समय इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

खास बात यह है कि अगर डिसेंटी बताई गई रेंज से कम है तो इसका मतलब हो सकता है कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल में मिलावट की गई है अगर ऐसा ना हो तो सिर्फ आपके साथ पैसों की ठगी नहीं होगी बल्कि व्हीकल का इंजन जल्दी खराब होने की संभावना है। अगर यह डिसेंटी रेंज से ऊपर होगी तब भी तेल में मिलावट होने की संभावना है। इससे आप के इंजन पर एडिशनल पर पड़ता है और माइलेज कम होगा यह इंजन की लाइफ को अफेक्ट करता है जब भी आप पेट्रोल या डीजल खरीदे तो हमेशा डेसिंटी देखकर ही फीलिंग करवाए।

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