Silk Farming: रेशम का उत्पादन बढ़ाने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा सिल्क समग्र योजना प्रारम्भ की गई है। केन्द्रीय रेशम बोर्ड को बढावा देने के लिए इस योजना को जिला जशपुर के रेशम विभाग द्वारा भी क्रियान्वित किया जा रहा है। योजना में हितग्राही किसान को उन्नत कीटपालन के लिए अनुदान का भी प्रावधान है। इसका लाभ दिलाने के लिए रेशम विभाग जशपुर के सहायक संचालक द्वारा लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सिल्क समग्र योजना में ऐसे भी निजी किसान भी लाभ ले सकते हैं, जो रेशम विभाग में पंजीकृत नही हैं। तिलहन-दलहन की फसल का लाभ लेने वाले ऐसे सिंचित भूमि के किसी भी इस योजना में भागीदारी करेगें। केन्द्रीय योजना अन्तर्गत सिंचित भूमि पर पानी की व्यवस्था के लिए वोर लगाने के लिए 60 हजार रुपए का अनुदान और पौधरोपण लिए 60 हजार का अनुदान दिया जाएगा।
फसल उत्पादन के बाद रेशम के कीड़ों को व्यवस्थित रखने के लिए भवन निर्माण के लिए 3 लाख 25 हजार रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा। किसानों को उन्नत फसल के लिए 50 हजार का अलग से अनुदान भी दिया जाएगा और कीटनाशक दवाई छिड़काव के लिए 5 हजार रुपए की दवाइयां भी दी जाएगी।
किसानों को केन्द्रीय की शहतूत रेशम बाड़ी योजना का लाभ लेने के लिए 1 एकड़ भूमि पर 5 लाख रुपए का अनुदान विभाग द्वारा दिया जाएगा। इस योजना में जमीन उपलब्ध कराने के बाद संबंधित किसान को 10 प्रतिशत की राशि जमा करनी होगी। 10 प्रतिशत की राशि राज्य शासन देगा और शेष राशि केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
श्याम कुमार सहायक संचालक रेशम जशपुर ने बताया की सिल्क समग्र योजना में पंजीकृत और निजी किसान दोनों ही लाभान्वित होगें और आत्मनिर्भर की ओर अग्रसर होंगे। सहायक संचालक रेशम श्याम कुमार ने बताया कि रेशम केंद्र हथगड़ा कांसाबेल में शहतूत मल्बरी की तीन लाख पौधों की नर्सरी वर्षा ऋतु में पौध रोपण के लिए तैयार कर ली है ।
30 किसान हुए तैयार विभाग ही खरीदेगा
विभाग की इस योजना से लाभ लेने के बाद 4 से 5 फसल साल में ले सकतें है। किसानों को रेशम फसल ककून बेचने के लिए कोई मेहनत नहीं करना पड़ेगा। विभाग किसान के पास जा कर स्वयं फसल का खरीदी करेंगे और राशि उनके सीधे बैंक खाते में आएगी। जिले में इस योजना में वर्ष 2022-23 में 52 किसान की मंजूरी प्राप्त हुई थी,
जिसमें 20 किसान का पौधरोपण कार्य पूर्ण कर लिया गया है और 32 किसान का शेष है। जिसको इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा व वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 30 किसान की मंजूरी प्राप्त हुई है, जिसका नर्सरी लगभग 3.65 लाख पर तैयार कर ली गई है। उसे वर्षा ऋतु में पौधरोपण कराया जाएगा । इसका लाभ जनवरी 2024 से मिलना प्रारंभ हो जाएगा।