यूं तो बाजरे की खेती पूरे राजस्थान में होती है, लेकिन भरतपुर के एक किसान ने आधुनिक विधि से खेती कर सबको चौंका दिया है. इस किसान ने तुर्की ले खास किस्म के बीज लाकर बाजरे की खेती की है.
इससे इन्हें बंपर पैदावार मिली है. अब दूसरे किसान भी इनसे बाजरे की खेती करने की बारीकी सीख रहे हैं. इनका कहना है कि बाजरे की इस किस्म की खेती से पानी की बहुत अधिक बचत होती है और कम लागत में ज्याद मुनाफा होता है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस किसान का नाम दिनेश तेंगुरिया है. वे भरतपुर जिले के गांव पीपला के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने खेत में तुर्की से बाजरे के बीज लाकर खेती शुरू की है. उन्होंने सादा गोल्ड नामक बाजरे की किस्म की खेती की है. यह बाजरा अपनी लंबाई के लिए जाना जाता है.
इस बाजरे का तना 8 से 10 फीट लंबा होता है, जबकि इसकी बाल 4 फीट लंबी होती है. खास बात यह है कि राजस्थान की जलवायु बाजरे की इस किस्म के लिए बिल्कुल सही है. इस बार किसान दिनेश तेंगुरिया के खेत में बाजरे की बंपर पैदावार हुई है. उनके खेत में लगे हुए बाजरे को देखने के लिए लोग दूर- दूर से आ रहे हैं.
तुर्की से मंगवाया था बीच
किसान गोविंद ने बताया कि अब दूसरे किसान भी इस बाजरे की खेती में रूचि ले रहे हैं. लोग उनसे खेती की बारीकी सीख रहे हैं. किसान ने बताया कि उसने दो एकड़ में सादा गोल्ड नामक बाजरे की खेती की थी. उन्हें 80 मन पैदावार मिली है, जिससे बेचकर लाखों रुपये का मुनाफा हुआ है. किसान दिनेश तेंगुरिया ने बताया कि सादा गोल्ड नामक बीज 2500 रुपये किलो तुर्की से मंगवाया था. चार एकड़ में बुवाई करने के लिए कुल 20 किलो बीच की जरूरत पड़ी थी, जिसके लिए उन्हें 50 हजार रुपये खर्च करने पड़े थे.
देसी बाजरे की पैदावार 20 मन प्रति एकड़ है
लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से 2 एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई. ऐसे में दो एकड़ में बची फसल ही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है. फसल तैयार होने के बाद बाजरे की कुल लंबाई 12 से 15 फीट थी. इसमें बाल की लंबाई चार से पांच फीट और तने की लंबाई 8 से 10 फीट थी. ऐसे सामान्य देसी बाजरे की लंबाई 6 से 8 फीट होती है, जबकि बाल एक फीट लंबा होता है. खास बात यह है कि तुर्की वाल बाजरे की पैदावार देसी बाजरे से दोगुनी होती है. देसी बाजरे की पैदावार जहां, 20 मन प्रति एकड़ है, वहीं तुर्की के बाजरे की उपज 40 मन प्रति एकड़ है.
10 लाख रुपये की कमाई हुई है
किसान गोविंद ने बताया कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश से लोग उनसे विदेशी बाजरे के बीज खरीद रहे हैं. वे 1000 रुपये किलो बीज बेच रहे हैं. अभी तक वे 10 लाख रुपये से अधिक रकम के बीज बेच चुके हैं.