Aaj Mustard Bhav: सरकारी खरीद बंद होते ही 4600 रुपये क्विंटल बिकने लगी सरसों, 850 रुपये तक का नुकसान

Anil Biret
2 Min Read

Aaj Mustard Bhav: हर बार सरसें की सरकारी खरीद 15 मई तक जारी रहती है। इस दौरान किसान अपनी फसल आसानी से सरकार को समर्थन मूल्य पर बेच देते हैं। इस बार ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने सरसों की खरीद एक मई से बंद कर दी। इसका असर अब मार्केट पर स्पष्ट देखा जा सकता है।

मंगलवार को ही व्यापारियों ने सरसों का भाव अपनी मर्जी से लगाने लग गए। जिले में व्यापारियों ने प्राइवेट सरसों 4600 रुपये क्विंटल तक खरीदें जो सरकारी खरीद व समर्थन मूल्य से 850 रुपये कम हैं। इससे किसान को प्रति एकड़ 8 से 10 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि एकाध दिन में सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं की तो वे सभी मंडियों के बाहर धरना देंगे।

प्रदेश सरकार ने सरसों की खरीद वैसे तो 20 मार्च से शुरू कर दी थी, लेकिन शुरूआत में खरीद एजेंसी नमी अधिक होने बहाना करते हुए किसानों से सरसों की खरीद नहीं की। इसके बाद सरसों में नमी कम हुई है तो मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो गई थी। इसके चलते सरसों की सरकारी खरीद सही से नहीं हुई। अब एक सप्ताह से सरसों की

अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं

सरसों की सरकारी खरीद की जिम्मेदारी हैफेड की है। यहां पर हैफेड के डीएम राजेश हुड्डा है। किसान संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस बारे में वे डीएम से मिले, लेकिन डीएम का कहना है कि सरकार के आदेश आने पर ही सरसों की दोबारा खरीद शुरू होगी। पहले एक मई तक के आदेश थे। उस दौरान सरसों की सरकारी खरीद की गई।

आवक मंडियों में बढ़नी शुरू हुई। इसी बीच खरीद एजेंसी पहले नैफेड ने टारगेट पूरा होने पर खरीद रोक दी। दो दिन तक सरकारी खरीद की जा रही है।

Share this Article
Leave a comment